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पहलगाम में धर्म पूछ कर की 27 लोगो की हत्या

आनेवाले कुछ महीने बहुत ही सावधानी बरतने के लिए है देश की सुरक्षा के लिए हर देश वासी को अपने देश व परिवार के लिए सावधान रहना होगा जहां पर एक ओर loc पर माहौल तनावपूर्ण है।

वही दो तरफों से भी  खामोशी के साथ कुछ पक रहा है हमे बांग्लादेश और चीन पहलगाम में हुई घटना में जहां हथियार पाकिस्तान के है तो वहाँ पर चलाई गई गोलियां चीन की लोहेवाली गोलियों से भारत के नागरिकों को मारा गया है।हो सकता है कि loc पर कार्यवाही के चलते इन्हीं दोनों की तरफ से भी देश को तोड़ने के लिए कार्यवाही शुरू हो सकती है ताकि भारत को तीन तरफ से घेरा जा सके।

साथ ही देश के अन्य प्रदेशों में भी इन आतंकियों के सपोर्ट में लोग उत्पात मचाने लगे यह सोचने की बात नही किंतु समझने की बात है जो लोग हमास ओर गाजा के समर्थन में खड़े हो सकते हैं तो इस मौके पर  कैसे छोड़ सकते हैं।

देश मे एक तरफ का अराजकता का माहौल बना कर देश को अस्थिर करने का प्रयास किया जा सकता है साथ ही इन्ही के कुछ लोग अलतकिया बन कर आपके हितेषी बनने का प्रयास कर सकते हैं ताकि भारत को चारों तरफ से घेरा जा सके और गजवा ऐ हिन्द को पूरा किया जा सके


मोदी सरकार की कश्मीर पॉलिसी के तहत कश्मीर को नॉर्मलाइज करने के लिए बहुत से प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं जिनमें से एक है टूरिस्ट स्थानों पर कोई भी फोर्स डिप्लॉय करने की जगह गुप्तचर संस्थाओं का बड़ा प्रयोग। जहां हत्याएं हुई हैं वहां कई सारे गुप्तचर संस्थानों से जुड़े लोग भी मार दिए हैं आतंकी मुल्लों ने।

 उन्हीं की सूचनाएं लीक की हैं कश्मीर के अब्दुल्ला शासन और प्रशासन ने। आतंकी कई दिन पहले से उस जगह की रेकी कर रहे थे और वहां के लोकल मुल्ले उनको समर्थन दे रहे थे। मर्द मुल्लों में हर पांचवां मुल्ला सेना ने गिरफ्तार किया है जिनकी संख्या हजार के लगभग है। मतलब वहां का हर मुल्ला आज भी आतंकवादी ही है। सरकार की कश्मीर नीति पूरी तरफ फेल हो गई है। 


अब ध्यान देने वाली बात ये है कि गुप्तचर संस्थाओं के लोगों को कलमा आदि पढ़ने की ट्रेनिंग दी जाती है। तो जब मुल्ले आतंकवादियों ने वहां के लोगों की पहचान के लिए कलमा पढ़ने को कहा तो जिन लोगों ने कलमा पढ़ दिया उनमें से कुछ की फोटो पहचान भी आतंकवादियों के पास थे जिससे वो लोग हतप्रभ हो गए। इसलिए वहां हर कलमा पढ़ देने वाले का पैंट उतार के खतना भी चेक किया उन लोगों ने। इस हमले में जिनके भी पैंट उतारे गए हैं और गोली मार दी गई है, वे सभी गुप्तचर संस्थानों से जुड़े लोग थे और उन्हें कलमा आदि पढ़ना आता था। 

तो कलमा पढ़ लेने वाले हिन्दुओं को गाली मत दो, ये एक तरह की ट्रेनिंग का हिस्सा है। लेकिन इस आतंकवादी घटना से ये साबित हो गया है कि मोमबत्ती गैंग हो या होटल लॉबी गैंग, ये सब जान रहे हैं कि सेना इनको भी छेदेगी, ये साले अपनी पीठ बचाने के लिए स्वांग कर रहे हैं और टूरिस्ट को दाना डाल के उनको लूटने की ताक में बैठे हैं। जितनी देर भी ये हत्याकांड चला, एक भी स्थानीय मुल्ले ने इसका वीडियो नहीं बनाया। जो मुल्ला वहां मारा गया, वो भाग नहीं पाया इसलिए मारा गया। उसको भुनाने में लग पड़ा है दिल्ली का दलाल मीडिया।


कश्मीर के वर्तमान सीएम छोटा अब्दुल्ला ने राजदीप को इंटरव्यू दिया है। ऐसा लग रहा है जैसे दो ख़ज़ैले कुत्ते एक दूसरे के घाव चाटने में लग गए हैं। एक दूसरे को हौसला और देशभक्त होने का सर्टिफिकेट देने में भी।


कांग्रेस के जमाने में जब 26/11 हुआ था तब भी कांग्रेसी हिन्दू आतंकवाद साबित करने में लग गए थे और इस पहलगाम आतंकी हमले के बाद भी ये लोग यही करने में जुट गए हैं। वाड्रा का कहना है कि मुसलमान आतंकित है, भाजपा वाले हिन्दू मुसलमान करते हैं इसलिए पहलगाम में हिन्दुओं की पैंट उतरवा कर चिह्नित करके हिन्दुओं की हत्या की गई है।

 इसके कहने का मतलब ये है कि सच मत बोलो, इस मुस्लिम आतंकी हमले को हिन्दू आतंकवाद का प्रतिकार कहो। यही काम पहलगाम के लोकल मुल्ले कल चित्रा त्रिपाठी नामक पत्रकार के साथ कर रहे थे। वो हमला करके, चिल्ला, चिल्ला के कह रहे थे कि सच मत बोलो, अमन की बात बोलो, वो बोलो जो वाड्रा कह रहा है कि हिन्दू आतंकवाद के खिलाफ मुल्लों ने हत्याएं की हैं। 


26/11 में कांग्रेस का खुला हांथ था। अब जब तहब्बुर राणा टांग लाया गया है तो कांग्रेस ने एक बार फिर वही हिन्दू आतंकवाद का राग दोहराया है बस इस बार चेहरा बना है वाड्रा क्योंकि इसको भी चुनाव लड़के सदन में पहुंचने की जल्दी है। साथ में ऐसा हरामीपन करने से सरकार और जनता तहब्बुर राणा पे फोकस नहीं कर पाएंगे। अभी बांग्लादेश में भारत के करीब आ रही शेख हसीना के तख्ता पलट में भी राहु आंधी और पाकिस्तान की isi की भूमिका सामने आ चुकी है। बंग्लादेशी पत्रकार ने राहू आंधी की भूमिका का खुलासा किया था और कांग्रेस ने आज तक उसका खण्डन नहीं कर पाया। राहू आंधी बीच में कई बार पाकिस्तानी isi के गुर्गों से मिलता रहा है और जिस हिसाब से उसके जीजा ने स्टीयरिंग सम्भाल ली है उससे ये बात पुख्ता हो जाती है कि उमर अब्दुला और कांग्रेस का गठजोड़ इस हत्या काण्ड में शामिल है तथा हर वो हिन्दू भी इन हत्याओं का गुनहगार है जो कांग्रेस को वोट देता है। 


हर देश का परमाणु कार्यक्रम एक नोट जारी करता है कि कब वो अपने परमाणु हथियार का प्रयोग पहले करेगा। पाकिस्तान ने इस सूची में कराची शहर पर अटैक के बाद पाकिस्तान के जल प्रबंधन पर अटैक को इस सूची में दूसरा स्थान दिया है। इस हिसाब से मोदी जी ने वाटर अनुबंध खत्म करके पाकिस्तान से परमाणु युद्ध की घोषणा कर दी है। 48 घण्टे का वक्त अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से उच्चायुक्त और वीसाधारी जनसंख्या के अपने अपने देश लौट जाने के लिए दिया गया है। कल से युद्ध आरम्भ हो चुका है और कम से कम अगले दो महीने तक हम युद्ध में रहने वाले हैं। जनता इसी की मांग कर रही थी सो मोदी जी ने अपना एक्शन ले लिया। अब हमारी बारी है। बिना जनता के सहयोग के कोई भी युद्ध न तो लड़ा जा सकता है और न ही जीता जा सकता है। सरकार की आलोचना बंद करके जिहादी और कांग्रेसी कुत्तों को सूतना शुरू करो, आप भी युद्ध का आगाज कर दो, यही अब हमारा नैतिक कर्तव्य यानी धर्म है ।

पूर्व में भी भारत को अस्थिर सरकारों के दौर में अपनी गुप्तचर विभाग के कई लोगो को  सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोगों की तुष्टिकरण की नीति के कारण अपनी जान




गवाना पड़ गया था लेकिन 2014 जे बाद से स्थिर सरकार के कारण अब आतंकियों को अब जान बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।

उरी अटेक2016 में,पुलवामा अटैक 2019 में अब पहलगाम 2025 में अब भारत को चोट वहाँ करनी है जहाँ पर इस आतंकवाद की जड़े है सीधे जड़ों पर प्रहार कर उन्हें नेस्तोनाबूद कर देना चाहिए