दोस्त वो नहीं जो मुश्किल में साथ छोड़ दे,
सच्चा दोस्त वो है जो ज़रूरत में साँसों से सांसे जोड़ दे।
भीड़ आदमी के पीछे तब तक भागती है जब तक वो कुर्सी में होता है और जिस दिन कुर्सी से हट जाता है दिल से भी उतर जाता है लेकिन इंसानियत व सादगी कई जन्मों तक याद की जाती है।
श्री कैलाश मकवाना सर जी मध्यप्रदेश पुलिस के डीजीपी हैं और उनके बचपन का दोस्त ASI सुरेश उर्फ हनुमान जो सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था उससे मुलाकात करने अस्पताल पहुँचे। जब गाल में हाथ फेरा तो वो भावुक हो गया और मुझे लगता है तबियत तर्र हो गई होगी।
रिश्तों से बड़ा कोई पद नही
रिश्तों की कद्र करना डीजीपी साहब से सीखें..आज की यही असली सीख है।।