विभाग की लापरवाही से दुर्घटना हुई परमिट लेने के बाद चेक किए बिना ही काम शुरू कराया गया कई बार पूछा गया जिम्मेदारों से सभी से की लाइट बंद कराई या नहीं सभी के जवाब थे बंद ही बंद हे
मृत कर्मचारी के पैर में जूते तक नहीं थे करंट लगते ही सब गायब हो गए
उसके बाद हमारे द्वारा उठा कर अस्पताल पहुचाया गया परंतु उसके बाद दो घंटे तक वहाँ खम्बा बन्दा हुआ ट्रेक्टर पर लटका रहा लाइन चालू रही पर कोई ज़िन्मेदार नहीं था उसके बाद मौके पर एसडीएम साब पहुचे उन्होंने डाटा तब जा कर लाइन बंद हुई और फिर विद्युत विभाग द्वारा पोल लगाया तो विद्युत विभाग पहले भी सेफ्टी से काम कर सकता था ना ही आखरी तक विद्युत विभाग का बड़ा अधिकारी मौके पर नहीं पहुचा ।


