उद्योगपति रतन टाटा का 86 वर्ष की आयु में बीमारी से मुम्बई में हुआ देश को नमक से लेकर आम आदमी के लिए लखटकिया कार देश को देने वाले हमेशा से ही देशभक्ति से ओतप्रोत रहे और मरते दम तक देश के हितों के लिए जीते रहे
रतन टाटा जी का निधन हम सभी के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने न केवल भारतीय उद्योग जगत में एक नई दिशा दी, बल्कि अपने उदारता और दृष्टिकोण से समाज को भी संवारा। उनकी मेहनत और नेतृत्व ने हमें सिखाया कि सफलता का असली मतलब केवल धन कमाना नहीं, बल्कि मानवता की सेवा करना भी है।
उनकी महानता का उदाहरण उनके कार्यों में छिपा है, जिन्होंने लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया। आज हम एक ऐसे प्रेरक व्यक्तित्व को खो रहे हैं, जिसने हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। हम उन्हें दिल से याद करेंगे और उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारने का प्रयास करेंगे। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।
